
जैन सामाजिक-आर्थिक विकास महामंडल का परिचय
जैन सामाजिक-आर्थिक विकास महामंडल (JSEDF) भारत में जैन समुदाय के समग्र विकास और प्रगति को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया एक महत्वपूर्ण संगठन है। यह समुदाय की आवश्यकताओं को समझते हुए उन्हें सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कार्य करता है। महामंडल का उद्देश्य परंपरा और आधुनिकता के संतुलन को बनाए रखते हुए समुदाय के कल्याण के लिए कार्य करना है।
महामंडल जैन धर्म के मूल सिद्धांतों – अहिंसा, करुणा और सामाजिक उत्तरदायित्व को आत्मसात करते हुए अपनी गतिविधियों को संचालित करता है। इसकी पहल न केवल आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देती है, बल्कि नैतिक मूल्यों को भी संरक्षित रखती है, जिससे समाज के हर वर्ग को एक समान अवसर मिल सके।
जैन महामंडल की प्रमुख पहल

जागरूकता और सशक्तिकरण
जैन समुदाय को उनके संवैधानिक अधिकारों, अवसरों और सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें लाभान्वित करना।

विरासत संरक्षण
जैन मंदिरों के जीर्णोद्धार, प्राचीन पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण और सांस्कृतिक मूल्यों के संवर्धन के लिए सतत पर्यटन को बढ़ावा देना।

कानूनी एवं नीतिगत सहायता
धार्मिक प्रथाओं और परंपराओं की रक्षा और भेदभाव के मुद्दों के लिए वकालत समूहों के सहयोग से समर्थन प्रदान करना।

आर्थिक सशक्तिकरण
कौशल विकास, मार्गदर्शन और जैन व्यापार नेटवर्क के विस्तार के माध्यम से आर्थिक प्रगति को प्रोत्साहित करना।

सामुदायिक एकता
संवाद, सहयोग और सामुदायिक समारोहों के माध्यम से विभिन्न जैन उप-संप्रदायों के बीच संबंधों को मजबूत करना।

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सहायता
स्वास्थ्य शिविरों, निवारक देखभाल कार्यक्रमों और चिकित्सा सेवा प्रदाताओं के साथ साझेदारी के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना।

सामुदायिक सहयोग
समस्याओं के समाधान के लिए एक केंद्रीकृत नेटवर्क और मंच का निर्माण करना।

डिजिटल कनेक्टिविटी
जैन समुदायों को वैश्विक स्तर पर जोड़ने और संसाधनों के आदान-प्रदान को सक्षम करने के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग करना।

आपदा प्रबंधन और राहत सहायता
प्राकृतिक आपदाओं और संकट के समय राहत कार्यों का संचालन कर प्रभावित समुदायों को सहायता प्रदान करना।